तुम्हारा यह दावा कि तुम देश की उन्नति के लिए सबसे कठिन कार्य कर रहे हो मेरी नजरों में कोई अर्थ नहीं रखता उन्नति-अवनति को छोड़ो मेरी तरह नौकरी की तलाश में लगकर फिर बताओ, कौन काम कितना कठिन है !
हिंदी समय में अभिमन्यु अनत की रचनाएँ